विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 2018
*विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 2018*
एक आम और प्रसिद्ध कहावत है कि "स्वास्थ्य धन है". अच्छा स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति का मानसिक, शारीरिक और सामाजिक कल्याण की भावना है न कि केवल बीमारियों से मुक्त होना.
इस दिन तंबाकू के उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य समस्याओं और अन्य पैदा हुए खतरों पर ज़ोर दिया जाता है. साथ ही तंबाकू की खपत को कम करने के लिए प्रभावी नीतियों को भी सरकार द्वारा बनाया जाता है.
स्वास्थ्य पर तंबाकू के बुरे प्रभावों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए इस दिन कई अभियान, कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. हम सभी जानते हैं कि तंबाकू या अन्य ऐसे उत्पादों को खाने से कुछ समय तक खुशी मिलती है, अच्छा लगता है, लेकिन यह धीर- धीरे जीवन से दूर ले जाता है. ऐसा भी हो सकता है कि तंबाकू चबाने के बाद एक व्यक्ति थोड़ी देर के लिए ऊर्जावान महसूस करे लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता होगा? इसके सेवन से एक प्रकार की लत लग जाती है और आप इसी में जकड़ कर रह जाते हैं जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है लेकिन नामुमकिन नहीं.
Yu
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस - 2018 का थीम "तंबाकू और हृदय रोग" है. इस बार का थीम कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य(cardiovascular health) पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
WHO के अनुसार इस पर आधारित अभियान जागरूकता बढ़ाएगा:
- तंबाकू और दिल और अन्य कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों (CVD) के बीच संबंध जिसमें स्ट्रोक भी है और जो संयुक्त रूप से विश्व मैं होने वाली मौतों का प्रमुख कारण हैं.
- सरकारों और जनता समेत प्रमुख दर्शकों के व्यवहार्य कार्यों और उपायों, तंबाकू द्वारा उत्पन्न हृदय सम्बंधित स्वास्थ्य समस्याओं को कम करना है.
विश्व तंबाकू निषेध दिवस: इतिहास
वर्ष 1987 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य राज्यों ने तंबाकू महामारी, इसके रोकथाम और इससे होने वाली मौत और बीमारीयों के कारण वैश्विक तौर पर ध्यान आकर्षित करने के लिए विश्व निषेध तंबाकू दिवस मनाने का फैसला लिया.
15 मई 1987 को वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने 7 अप्रैल 1988 को " विश्व धूम्रपान निषेध दिवस" के लिए एक प्रस्ताव पारित किया. इस तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की 40वीं वर्षगांठ थी.
इसके अलावा 1988 में हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने के लिए 31 मई को एक और प्रस्ताव पारित किया गया था और तब से 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाने लगा.
इस साल का थीम लोगों के कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य पर तंबाकू के कारण होने वाले प्रभाव पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. यह हृदय रोग, स्ट्रोक और परिधीय संवहनी रोग (peripheral vascular disease) आदि पैदा करने का कारक हो सकता है. इसके अलावा, इस दिन लोगों को जागरूक किया जाएगा कि तम्बाकू कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (CVD) के प्रमुख कारणों में से एक है.
तंबाकू का सेवन करने से स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है?
- तंबाकू चबाने से स्वास्थ्य पर लघु या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है.
- यह अल्सर, दांत में दाग, दांत में कीड़ा लगना, दांत की सड़न आदि का कारण बन सकता है जो अल्पावधि स्वास्थ्य प्रभाव हैं.
- इसके सेवन से सांसों में बदबू का होना, मुंह में मरोड़ उठना आदि होता है और यहां तक कि व्यक्ति को खाना खाने में भी मुश्किल हो सकती है.
- कभी-कभी यह जीभ को अनर्थक बना सकता है जिस कारण से व्यक्ति भोजन का स्वाद भी नहीं ले पता है.
- तंबाकू खाने से व्यक्ति को थकान महसूस हो सकती है और चक्कर आ सकते हैं.
- यदि कोई व्यक्ति तंबाकू का सेवन लगातार करता है तो शॉर्ट टर्म बीमारी से दीर्घकालिक हो सकती है और कैंसर, फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग, स्ट्रोक इत्यादि जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
- तंबाकू चबाने वाले व्यक्ति को मौखिक कैंसर या precancer भी हो सकता है.
- यह ल्यूकोप्लाकिया (leukoplakia) का कारण बन सकता है यानी मुंह के अंदर सफ़ेद पैच का होना जो आगे जाके कैंसर का रूप ले सकता है.
तंबाकू के बारे में कुछ अन्य तथ्य
- क्या आप जानते हैं कि तंबाकू निकोटियाना (nicotiana) पौधों की ताजा पत्तियों की उपज है?
- इसकी उत्पत्ति अमेरिका में हुई थी लेकिन 1559 में पुर्तगाल (यूरोप) में जीन निकोट (Jean Nicot) ने तंबाकू के बारे में परिचय दिया था.
- जल्द ही यह व्यापार के लिए लोकप्रिय और एक महत्वपूर्ण फसल बन गया.
- 1900 के दशक में कुछ चिकित्सा शोध ने यह स्पष्ट किया कि तंबाकू से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे हृद्य रोग, स्ट्रोक, कैंसर इत्यादि बढ़ सकते हैं.
- लोग सिगरेट, सिगार, बीड़ी, तंबाकू, स्नफ, गुटका इत्यादि के रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं.
जीवन प्रकृति का एक अनमोल उपहार है; हमें जीवन को महत्व देना चाहिए और इसे बेकार और अर्थहीन चीजों में बर्बाद नहीं करना चाहिए. तंबाकू आपको कुछ समय के लिए खुशी और आनंद दे सकता है लेकिन ऐसी किसी आदत से स्वस्थ व्यक्ति को लंबे समय के लिए अच्छा और खुशहाल जीवन नहीं मिल सकता है और वह जीवन के अनुभवों से दूर जा सकता है.
एक आम और प्रसिद्ध कहावत है कि "स्वास्थ्य धन है". अच्छा स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति का मानसिक, शारीरिक और सामाजिक कल्याण की भावना है न कि केवल बीमारियों से मुक्त होना.
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हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस दुनिया भर में धूम्रपान करने के प्रभाव, तंबाकू चबाने और इससे उत्पन्न हुई बीमारियां जैसे कि कैंसर, दिल की बीमारियां, आदि के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 31 मई को मनाया जाता है.इस दिन तंबाकू के उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य समस्याओं और अन्य पैदा हुए खतरों पर ज़ोर दिया जाता है. साथ ही तंबाकू की खपत को कम करने के लिए प्रभावी नीतियों को भी सरकार द्वारा बनाया जाता है.
स्वास्थ्य पर तंबाकू के बुरे प्रभावों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए इस दिन कई अभियान, कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. हम सभी जानते हैं कि तंबाकू या अन्य ऐसे उत्पादों को खाने से कुछ समय तक खुशी मिलती है, अच्छा लगता है, लेकिन यह धीर- धीरे जीवन से दूर ले जाता है. ऐसा भी हो सकता है कि तंबाकू चबाने के बाद एक व्यक्ति थोड़ी देर के लिए ऊर्जावान महसूस करे लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता होगा? इसके सेवन से एक प्रकार की लत लग जाती है और आप इसी में जकड़ कर रह जाते हैं जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है लेकिन नामुमकिन नहीं.
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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस - 2018 का थीम "तंबाकू और हृदय रोग" है. इस बार का थीम कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य(cardiovascular health) पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
WHO के अनुसार इस पर आधारित अभियान जागरूकता बढ़ाएगा:
- तंबाकू और दिल और अन्य कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों (CVD) के बीच संबंध जिसमें स्ट्रोक भी है और जो संयुक्त रूप से विश्व मैं होने वाली मौतों का प्रमुख कारण हैं.
- सरकारों और जनता समेत प्रमुख दर्शकों के व्यवहार्य कार्यों और उपायों, तंबाकू द्वारा उत्पन्न हृदय सम्बंधित स्वास्थ्य समस्याओं को कम करना है.
विश्व तंबाकू निषेध दिवस: इतिहास
वर्ष 1987 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य राज्यों ने तंबाकू महामारी, इसके रोकथाम और इससे होने वाली मौत और बीमारीयों के कारण वैश्विक तौर पर ध्यान आकर्षित करने के लिए विश्व निषेध तंबाकू दिवस मनाने का फैसला लिया.
15 मई 1987 को वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने 7 अप्रैल 1988 को " विश्व धूम्रपान निषेध दिवस" के लिए एक प्रस्ताव पारित किया. इस तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की 40वीं वर्षगांठ थी.
इसके अलावा 1988 में हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने के लिए 31 मई को एक और प्रस्ताव पारित किया गया था और तब से 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाने लगा.
इस साल का थीम लोगों के कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य पर तंबाकू के कारण होने वाले प्रभाव पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. यह हृदय रोग, स्ट्रोक और परिधीय संवहनी रोग (peripheral vascular disease) आदि पैदा करने का कारक हो सकता है. इसके अलावा, इस दिन लोगों को जागरूक किया जाएगा कि तम्बाकू कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (CVD) के प्रमुख कारणों में से एक है.
तंबाकू का सेवन करने से स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है?
- तंबाकू चबाने से स्वास्थ्य पर लघु या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है.
- यह अल्सर, दांत में दाग, दांत में कीड़ा लगना, दांत की सड़न आदि का कारण बन सकता है जो अल्पावधि स्वास्थ्य प्रभाव हैं.
- इसके सेवन से सांसों में बदबू का होना, मुंह में मरोड़ उठना आदि होता है और यहां तक कि व्यक्ति को खाना खाने में भी मुश्किल हो सकती है.
- कभी-कभी यह जीभ को अनर्थक बना सकता है जिस कारण से व्यक्ति भोजन का स्वाद भी नहीं ले पता है.
- तंबाकू खाने से व्यक्ति को थकान महसूस हो सकती है और चक्कर आ सकते हैं.
- यदि कोई व्यक्ति तंबाकू का सेवन लगातार करता है तो शॉर्ट टर्म बीमारी से दीर्घकालिक हो सकती है और कैंसर, फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग, स्ट्रोक इत्यादि जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
- तंबाकू चबाने वाले व्यक्ति को मौखिक कैंसर या precancer भी हो सकता है.
- यह ल्यूकोप्लाकिया (leukoplakia) का कारण बन सकता है यानी मुंह के अंदर सफ़ेद पैच का होना जो आगे जाके कैंसर का रूप ले सकता है.
तंबाकू के बारे में कुछ अन्य तथ्य
- क्या आप जानते हैं कि तंबाकू निकोटियाना (nicotiana) पौधों की ताजा पत्तियों की उपज है?
- इसकी उत्पत्ति अमेरिका में हुई थी लेकिन 1559 में पुर्तगाल (यूरोप) में जीन निकोट (Jean Nicot) ने तंबाकू के बारे में परिचय दिया था.
- जल्द ही यह व्यापार के लिए लोकप्रिय और एक महत्वपूर्ण फसल बन गया.
- 1900 के दशक में कुछ चिकित्सा शोध ने यह स्पष्ट किया कि तंबाकू से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे हृद्य रोग, स्ट्रोक, कैंसर इत्यादि बढ़ सकते हैं.
- लोग सिगरेट, सिगार, बीड़ी, तंबाकू, स्नफ, गुटका इत्यादि के रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं.
जीवन प्रकृति का एक अनमोल उपहार है; हमें जीवन को महत्व देना चाहिए और इसे बेकार और अर्थहीन चीजों में बर्बाद नहीं करना चाहिए. तंबाकू आपको कुछ समय के लिए खुशी और आनंद दे सकता है लेकिन ऐसी किसी आदत से स्वस्थ व्यक्ति को लंबे समय के लिए अच्छा और खुशहाल जीवन नहीं मिल सकता है और वह जीवन के अनुभवों से दूर जा सकता है.
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