+क्या महबूबा को आतंकवादियों के धर्म का पता चल गया है
नही तो फिर रमजान के बहाना क्यो

*महबूबा का रमजान माह में एक तरफा सीज फायर का प्रस्ताव।
👉आखिर हर बार आतंकियों के प्रति ही सहानुभूति क्यों?

*🔥10 मई को जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि कश्मीर घाटी में रमजान माह में एक तरफा सीज फायर की घोषणा की जाए।*
🔥यानि जब घाटी में पाकिस्तान से प्रशिक्षित होकर आए आतंकी हमारे सुरक्षा बलों पर हमला करे तो हमारे जवान किसी भी प्रकार से जवाब नहीं दें।
*🔥 अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक तरफ सीज फायर में हमारे सुरक्षा बलों के हालात कैसे होंगे?*
🔥अभी जब जवाब देने पर भी हमारे जवान रोजाना शहीद और जख्मी हो रहे हैं, तब जवाब नहीं देने पर कितने जवान शहीद और जख्मी होंगे???
*🔥 महबूबा को उपद्रवियों और आतंकियों से तो सहानुभूति हैं, लेकिन अपने सुरक्षा बलों के जवानों से नहीं है। अच्छा होता कि अपने रसूकातों का इस्तेमाल करते हुए महबूबा पहले उपद्रवियों और आतंकियों से सीज फायर की घोषणा करवाती।*
🔥 सीज फायर दोनों पक्षों की ओर से होता है। इस बात को महबूबा भी अच्छी तरह समझती है। लेकिन इसके बाद भी केन्द्र सरकार से एक तरफा सीज फायर की मांग कर रही हैं।
*🔥महबूबा जितनी सहानुभूति उपद्रवियों और आतंकियों के प्रति प्रकट करती हैं, उसकी आधी भी यदि सुरक्षा बलों के प्रति दिखा दे तो घाटी में शांति कायम हो सकती है।*
🔥कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की सरकार को टिकाए रखने के पीछे भाजपा की राजनीतिक मजबूरी हो सकती है, लेकिन महबूबा हर बार हमारे सुरक्षा बलों को ही निशाना बनाती है।
*🔥 जब रमजान माह प्रत्येक मुसलमान के लिए इबादत का माह होता है तो फिर पाक प्रशिक्षित आतंकी घाटी में जानलेवा वारदातें क्यों करते हैं।*
🔥 इस्लाम में हिंसा का कोई स्थान नहीं है यदि पवित्र रमजान माह में उपद्रवी और आतंकी घाटी में पत्थर और बंदूक का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आने वाले दिनों में कश्मीर में हालात सुधर सकते हैं।
*🔥सुरक्षा बलों के सीज फायर की घोषणा तभी मायने रखती है जब उपद्रवी और आतंकी भी ऐसे ही घोषणा करें यदि हमारे सुरक्षा बलों पर पाकिस्तान से प्रशिक्षित होकर आए आतंकी हमला करेंगे तो जवाब तो दिया ही जाएगा।*
👉 इस बात के संकेत सेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने 10 मई को ही दे दिए हैं।


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